जानिए हिंदी मीडियम से पढ़ी लड़की ने यूपीएससी की परीक्षा में 50 रैंक तक का सफर कैसे तय किया

वो कहते हैं ना कि मेहनत से इंसान दुनिया की कोई भी चीज हांसिल कर सकता है, ऐसा कर दिखाया है मध्यप्रदेश के एक गांव में जन्मी सौरभी गौतम ने जिन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में 50 वीं रैंक हांसिल करके नाम रौशन किया है| आइये जानते हैं उनका सफर, उससे पहले आप मुझे जरूर फॉलो कीजियेगा , क्योंकि मैं आपके लिए शिक्षा और नौकरी संबंधित खबरें हमेशा लाता हूँ|
सौरभी का जन्म मध्यप्रदेश के सतना जिले में अ एक संयुक्त परिवार में हुआ था,
अमदरा
उनके शब्दों में अगर बात करें तो स्कूल के दिनों में उन्हें लैंप में पढ़ाई करनी होती थी| बचपन में उन्हें मियादी बुखार हुआ और लगातार जिंदगी मौत की लड़ाई उन्होंने लड़ी थी| मगर आज वो आईएएस में सफल हुई , महिलाओं में से एक हैं, जो अपने जैसी लाखों महिलाओं के लिए एक आदर्श हैं| आपको बता दें इतने उतार चढ़ाव के दिनों में भी सौरभी ने हमेशा गणित में 100 में से 100 अंक हांसिल किये थे और तो और 10वीं कक्षा में गणित और विज्ञान दोनों विषय मे पूरे अंक हासिल कर मेरिट में अपनी जगह बनाई थी| वहीं बारहवीं कक्षा में फिर से
सौरभी ने खुद को साबित किया और अब्दुल कलाम छात्रवृत्ति से उन्हें नवाजा गया| फिर वह इंजीनियरिंग करने के लिए भोपाल चलीं गयी| इंजीनियरिंग के दौरान उन्हें भी बाकी सभी हिंदी मीडियम छात्रों की तरह फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने की कमी महसूस हुई, मगर उन्होंने हार नहीं मानी और ग्रामर, शब्दावली सभी की लगातार प्रैक्टिस की और अंग्रेजी को मात दी| छह महीने बाद सौरभी ने आईएस में पहली रैंक और यूपीएससी में 50 वीं रैंक लेकर इतिहास गढ़ दिया| उनका यह सफर ना केवल योजनापूर्ण था ,बल्कि आज बहुत सारे लोगों की प्रेरणा है कि मेहनत से क्या हासिल नहीं किया जा सकता| अगर आप भी किसी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं तो मुझे बतायें आपकी क्या प्रतिक्रिया हैं , इस विषय में और दोस्तों के साथ यह कहानी जरूर शेयर करें|

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